मंगल ग्रह सूर्य से चौथा और सातवां बड़ा ग्रह है:
मंगल ग्रह (यूनानी: Ares ) युद्ध के भगवान है। शायद इस ग्रह को यह नाम अपने लाल रंग की वजह से नाम मिला है।मंगल ग्रह कभी कभी लाल ग्रह के रूप में जाना जाता है. (एक दिलचस्प तथ्य पर ध्यान दें: रोमन देवता मार्स कृषि देवता का देवता था। मार्च का महिना मंगल से जुड़ा है।)
मंगल को प्रागैतिहासिक काल से जाना जाता रहा है। मंगल का निरिक्षण पृथ्वी की अनेको वेधशालाओ से होता रहा है लेकिन बड़ी बड़ी दूरबीन भी मंगल को एक कठीन लक्ष्य मानती है, यह ग्रह बहुत छोटा है। यह ग्रह विज्ञान फतांसी के लेखको का पृथ्वी से बाहर जीवन के लिये चहेता ग्रह है। लेकिन लावेल द्वारा देखी गयी प्रसिद्ध नहरे और मंगल पर जीवन परिकथाओ जैसा कल्पना मे ही रहा है।
मंगल पर 1965 मे मैरीनर -4 यान भेजा गया था। उसके बाद इस ग्रह पर मार्स 2 जो मंगल पर उतरा भी था,के अलावा बहुत सारे यान भेजे गये है। 1976 मे दो वाइकिंग यान भी मंगल पर उतरे थे। इसके 20 वर्ष पश्चात 4 जुलाई 1997 को मार्श पाथफाईंडर मंगल पर उतरा था। 2004 मे मार्स एक्स्पेडीसन रोवर प्रोजेक्ट के दो वाहन स्प्रिट तथा ओपरच्युनिटी मंगल पर भौगोलिक आंकड़े और तस्वीरे भेजने उतरे थे। 2008 मे फिनिक्स यान मंगल के उत्तरी पठारो मे पानी की खोज के लिये उतरा था। मंगल की कक्षा मे मार्स रीकानैसेन्स ओर्बीटर मार्स ओडीसी तथा मार्स एक्सप्रेस यान है।
मंगल की कक्षा दिर्घवृत्त मे है जिसके कारण इसके तापमान मे सूर्य से दूरस्थ बिन्दू और निकटस्थ बिन्दू के मध्य 30 डिग्री सेल्सीयस का अंतर आता है। इससे मंगल के मौसम पर असर होता है। मंगल पर औसत तापमान 218 डिग्री केल्वीन(-55 डिग्री सेल्सीयस) है। मंगल की सतह का तापमान 133 डिग्री सेल्सीयस से 27 डिग्री सेल्सीयस तक बदलता है।
मंगल पर भूदृश्य काफी रोचक और विविधताओ से भरा है। कुछ मुख्य है
- ओलिंप मोन्स : सौर मंडल में सबसे बड़ा पर्वत है जो 78,000 फीट(24किमी) उंचा है,आधार पर व्यास में 500 किलोमीटर से अधिक है.
- थारसीस: 10 किमी उचांई का और 4000 किमी चौड़ा और एक विशाल उभार है।
- वैलेस मारीनेरीस घाटी: 4000 किमी लंबाई और 10 किमी गहरी घाटीयो की एक प्रणाली।
- हेलास प्लेन्टीया: दक्षिणी गोलार्द्ध मे 2000 किमी व्यास और 6 कीमी गहरा क्रेटर
मंगल का दक्षिणी गोलार्ध चन्द्रमा के जैसे क्रेटरो से भरा हुआ उठा हुआ और प्राचीन है। इसके विपरित उत्तरी गोलार्ध नये पठारो बना निचला है। इन दोनो की सीमा पर उंचाई मे एक आकस्मिक उंचाई मे बदलाव दिखायी देता है। इस आकस्मिक उंचाई मे बदलाव के कारण अज्ञात है। मार्श ग्लोबल सर्वेयर यान ने जो ३ आयामी मंगल का नक्शा बनाय है इन सभी रचनाओ को दिखाता है।
मंगल की सतह पर क्षरण के साफ प्रमाण मीले है जिसमे बाढ़ द्वारा क्षरण या छोटी नदीयो द्वारा क्षरण का समावेश है। किसी समय मंगल पर कोई द्रव पदार्थ जरूर रहा होगा। द्रव जल की संभावना ज्यादा है लेकिन अन्य संभावना भी है। यानो द्वारा भेजे गये आंकड़े बताते है कि मंगल पर बड़ी झीले या सागर भी रहे होंगे। ये आंकड़े क्षरण की इन नहरो की उम्र 5 अरब वर्ष बताते है। मार्स एक्स्प्रेस द्वारा भेजी गयी एक तस्वीर मे जमा हुआ समुद्र दिखायी देता है हो 50 लाख वर्ष पहले द्रव रहा होगा। वैलेस मारीनेरीस घाटी द्रव के बहने से नही बनी है। यह थारसीस उभार द्वारा भूपटल मे आयी दरारो से बनी है।
मंगल का वातावरण पतला है। वातावरण मे 95.3% कारबन डाय आक्साईड, 2.7% नायट्रोजन, 1.6% आरगन ,0.15 % आक्सीजन और 0.03% जल बाष्प है। औसत वायुमंडलीय दबाव 7 मीलीबार है, जो पृथ्वी के 1% के बराबर है लेकिन यह गहराईयो मे 9 मीलीबार से ओलम्पस मान्स पर 1 मीलीबार तक रहता है। लेकिन यह वातावरण तेज हवाओ और महिनो तक चलने वाले धूल के अंधड़ पैदा करने मे सक्षम है।
मंगल के ध्रुवो पर बर्फ की परत है। यह बर्फ की परत पानी और कार्बन डाय आक्साईड की बर्फ है। उत्तरी गोलार्ध की गर्मीयो मे कारबन डायाअक्साईड की बर्फ पिघल जाती है और पानी की बर्फ की तह रह जाती है। मार्स एक्सप्रेस ने यह अब दक्षिणी गोलार्ध मे भी देखा है। अन्य स्थानो पर भी पानी की बर्फ के होने की आशा है।
6 अगस्त 1996 को, डेविड मैके एट अल की घोषणा की है कि उल्का ALH84001 में के सूक्ष्मजीव मंगल ग्रह पर जिवन के सबूत हो सकते है।हालांकि अभी भी कुछ विवाद है, वैज्ञानिक समुदाय के बहुमत ने इस निष्कर्ष को स्वीकार नहीं किया। अगर मंगल ग्रह पर जीवन था, वह हम अभी यह नहीं मिला है।
मंगल को रात मे नंगी आंखो से देखा जा सकता है।
मंगल के उपग्रह
मंगल के 2 छोटे उपग्रह है।
उपग्रह | दूरी (000 किमी) | द्रव्यमान(किलो) | त्रिज्या (किमी) | आविष्कारक | दिनांक |
फोबोस | 9 | 1.08e16 | 11 | हॉल | 1877 |
डेमोस | 23 | 1.80e15 | 6 | हॉल | 1877 |
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